अल्मोड़ा—- एस एस जे विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग में आध्यात्मिक योग और संस्कृति को लेकर विभिन्न देशों से आए विद्वानों के बीच मंथन जारी

अल्मोड़ा – सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग द्वारा भारतीय संस्कृति और योग की विश्व विकास में भूमिका पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में विभिन्न देशों से आए हुए विद्वानों द्वारा विश्व विकास और भारतीय संस्कृति तथा योग की भूमिका पर मंथन किया जा रहा है।

इस सेमिनार में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध का भी वाचन किया जा रहा है। सेमिनार के दूसरे दिन कई शोध छात्रों ने योग विज्ञान, आसनों का प्रभाव, अवसाद, योग परंपरा, योग दर्शन, रजोनिवृत्ति, वैदिक आहार,कोविड-19 से उपजती चुनौती, सूर्यनेति का साईनेस, ध्यान, मुद्राओं का एकाग्रता, ऑक्यूप्रेसर, अष्टांग योग, तत्व ज्ञान, तनाव, ध्यान, औषधीय पौधे एवं योग, त्राटक अभ्यास, सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योग का प्रभाव विषयों पर शोध पत्रों का वाचन किया गया।

कार्यक्रम संयोजक डॉ नवीन भट्ट ने बताया कि सभी सत्र देश के विद्वानों के सानिध्य में संचालित हो रहे हैं । योग, आद्यात्म, संस्कृति को लेकर विद्वान मंथन कर रहे हैं। इन सेमिनारों के विभिन्न सत्रों में जो निष्कर्ष आएंगे, वो समाज को बेहतर बनाने के लिए कारगर सिद्ध होंगे। विभिन्न सत्रों में रजनीश जोशी, विद्या नेगी ने संयुक्त रूप से संचालन किया।

इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में टर्की, अमेरिका, अफ्रीका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, भारत आदि देशों के योग प्रतिनिधियों के साथ योग साधकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों के साथ डॉ भानु प्रकाश जोशी, रजनीश जोशी, विश्वजीत वर्मा, गिरीश अधिकारी, लल्लन सिंह, हिमांशु परगाई, विद्या नेगी,हेमलता अवस्थी, प्रो प्रतिमा वशिष्ठ, डॉ. ममता पंत, डॉ. भुवन चन्द्र, प्रो कंचन जोशी, डॉ रमेश कौर, डॉ कमलेश शक्टा, डॉ रवींद्र कुमार, डॉ ललित जोशी, डॉ विनोद कुमार, डॉ उदय सिंह, डॉ योगेश मैनाली, डॉ भानु प्रकाश जोशी,डॉ विजय सिंह मेहता, डॉ राजविन्दर कौर आदि सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने सहभागिता की।

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