सितारगंज…आर्डर—आर्डर: जमीन के फर्जीवाड़े में यूपी के पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश सिंह दोषमुक्त, 2014 में स्वतंत्रता सेनानी की पुत्री ने दर्ज कराया था मुकदमा

नारायण सिंह रावत
सितारगंज।
यूपी के पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश सिंह को जमीन की धोखाधड़ी के मामले में ऊधमसिंह नगर की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने दोषमुक्त कर दिया। इसके पहले इसी मामले में कोर्ट ने पूर्व मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे बहू और अन्य सहयोगियों को सजा सुनाई थी।

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अधिवक्ता आरपी सिंह और नंदगोपाल सिंह ने बताया कि आजाद हिंद फौज के सेनानी राम अवध सिंह को यूपी सरकार ने बागवाला में 50 एकड़ जमीन खेती के लिए दी थी। रामअवध सिंह की एक पुत्री प्रभावती सिंह थीं।

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1999 में रामअवध सिंह की मृत्यु के बाद चकबंदी प्रक्रिया के तहत जमीन प्रभावती देवी के नाम दर्ज हो गई। आरोप था कि इसी जमीन को यूपी के देवरिया जिले के बरहज से पूर्व विधायक और मंत्री रहे प्रेमप्रकाश सिंह ने फर्जी वसीयतनामा तैयार कर अपने नाम दर्ज कर लिया।

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इस मामले में प्रभावती देवी की शिकायत पर तीन मई 2014 को प्रेमप्रकाश सिंह के खिलाफ 420, 467,468, 471, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमे में तिलियापुर सितारगंज निवासी नवनाथ तिवारी और प्रेमनारायण भी नामजद किये गए।

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पुलिस ने विवेचना के दौरान प्रेमप्रकाश सिंह की पत्नी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख मंजूलता सिंह, उनके बेटे शिव वर्धन सिंह, बहू निधि सिंह, तत्कालीन शासकीय अधिवक्ता स्वतंत्र बहादुर सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह, पुत्र वधू शिखा सिंह के नाम भी शामिल कर लिए।

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पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी। इस मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुना दी थी। इसके बाद सजा के खिलाफ अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की गई थी। अपील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले में पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश को दोषमुक्त कर दिया।

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