हल्द्वानी… #आपदा की मार : हैड़ाखान मार्ग था बंद, शव को लेकर 18 घंटे तक फंसे रहे परिजन
हल्द्वानी। बारिश ने कल पूरे कुमाऊं भर को हलकान किए रखा। ऐसे में एक शव को लेकर उसके परिजन सड़क बंद हो जाने के कारण 18 घंटे से ज्यादा साथ जंगल के बीच मार्ग में ही फंसे रहे। यह घटना काठगोदाम थाना क्षेत्र के अंतरगत आने वाले हैड़ाखान मार्ग की है। मृतक रौसीला गांव का रहने वाला था।
दरअसल रौसीला निवासी शंकर दत्त जोशी का सोमवार की शाम एसटीएच बीमारी के चलते में निधन हो गया था। प्रक्रिया निपटाने के बाद उनके परिजन शव को लेकर रात नौ बजे के आसपास रौसीला के लिए रवाना हुए। उनका वाहन हैड़ाखान मार्ग पर ढाई किमी चला होगा कि सड़क पर एक बड़ा पेड़ आ गिरा। इससे रास्ता बंद हो गया।
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जैसे तैसे शव के साथ आ रहे परिजनों से पेड़ को काट कर गाड़ी निकलने के लिए रास्ता बनाया और लगभग दो किमी आगे बड़े तो पहाड़ से आए मलबे ने उनके वाहन का रास्ता रोक लिया। जंगल के बीच भूस्खलन के खतरे से इतर जंगली जानवरों का डर। उन्होंने खतरे को भांपते हुए वाहन को वापस हैड़ाखान मार्ग के प्रारंभ में स्थित वन विभाग की चौकी के पास लौटना उचित समझा। पूरी रात उन्होंने चौकी के नजदीक ही वाहन के अंदर काटी।
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वाहन चालक कमलेश कर्नाटक ने बताया सुबह मृतक की पत्नी भी अपने मायके से उनके साथ आ गईं। दोपहर बाद लगभग तीन बजे जेसीबी से इस मार्ग को खोला जा सका तब कहीं जाकर ग्रामीण शव लेकर रौसीला पहुंचे और चंद ही मिनटों में शंकर जोशी के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए फिर से हल्द्वानी को रवाना हुए।
यहां रानीबाग शमशान घाट पर गौला नदी का साम्राज्य स्थापित हो चुका था। शव जलाने के लिए यहां तनिक भी जगह शेष नहीं थी। ऐसे में उन्होंने राजपुरा के शमशान घाट पर उनके अंतिम संस्कार का निर्णय लिया और शाम को गांव के लिए वापसी की।