हल्द्वानी…कुमाऊंनी व्यंजनों ने बदली महिलाओं की तकदीर,नैनीताल कलक्ट्रेट में चलाती हैं हिलान्स किचन

नारायण सिंह रावत
सितारगंज।
नैनीताल जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट में महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से संचालित हिलान्स किचन ने चार महिलाओं की तकदीर बदल दी है। कुमाऊंनी व्‍यंजनों की बढ़ती डिमांड ने इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही भविष्य की सुनहरी राह दिखाई है। हर माह 40 हजार से अधिक की हो रही बिक्री से साफ है कि पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद ग्राहकों की पसंद बन गया है।


कोटाबाग पूजा स्वयं सहायता समूह की संचालिका ऊषा देवी ने बताया कि समूह को फरवरी 2020 में ट्रायल बेस पर जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा उन्हें कलेक्ट्रेट स्थित कैंटीन के संचालन का जिम्मा दिया गया था। इससे पहले यहां कैंटीन के हालत ऐसे थे कि लोग गंदगी की वजह से जाने से पहले कतराते थे। फिर समूह की महिलाओं ने साफ सफाई के साथ ही कुमाऊंनी व्यंजनों को तैयार करना शुरू किया तो देखते ही देखते कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों से लेकर अधिवक्ता व फरियादियों को व कुमाऊंनी व्यंजनों का स्वाद भा गया। ऐसे में कैंटीन का ट्रायल सफल हो गया।


26 अक्टूबर 2020 को इसका विधिवत शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। आज आलम यह है कि कलेक्ट्रेट कर्मचारियों से लेकर अधिवक्ताए पुलिसकर्मियों के साथ दूर दूर से पहुंच रहे फरियादी इसी हिलान्स कैंटीन में भोजन कर रहे हैं।

स्वाद व साफ सफाईए बेहतरीन सर्विस के कारण लोगों ने घर से खाना लाना बंद कर दिया है। सुबह दस बजे से शाम तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। कैंटीन पहुंचे सितारगंज के वरिष्ठ भाजपा नेता मुकेश सनवालए पत्रकार व नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया)कार्यकारी जिलाध्यक्ष नारायण सिंह रावत व पत्रकार आशीष पाण्डे कहते हैं कि वह आज उन्होंने कैंटीन का ही खाना खाया हैं और उन्हें लगता है कि जैसे पहाड़ पर छूट चुके अपने घर में बना खाना खा रहे हैं।


ऊषा देवी कहती है कैंटीन में रोज भट् के डुबके, मडुवे की रोटी, पकौड़ी, पालक का कापा, बथुवा का साग, आलू पराठा, मसूर की दाल, चुड़कानी, झोली बनती है। भोजन भी ग्राहकों को ताजा दिया जाता है। कोटाबाग से आते समय रोजाना जैविक सब्जियां लाती हैं।

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कहती हैं एक डायट 50 रुपये की है मगर 25 रुपये हाफ में ही इतनी मात्रा परोसी जाती हैए लोग दोबारा नहीं मांगते। यदि मांगते भी हैं तो उसका अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जाता। भोजन में गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाता है। नैनीताल के डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने भी पूजा स्वमं सहायता समूह के कार्य की तारीफ की। उन्होंने यहां कुमाऊंनी और गढ़वाली व्यंजनों को बढ़ाने पर जोर दिया।

हर माह हो रही करीब 40 हजार की बिक्री
ऊषा देवी के अनुसार कैंटीन में हर माह करीब 40 हजार से अधिक की बिक्री हो रही है। रोज 80 से सौ लोग भोजन करते हैं। रेस्‍टोरेंट में तीन महिलाएं व उनका बेटे काम करते हैं। बिदरामपुर कोटाबाग निवासी ऊषा का कहना है कि काम बढ़ता रहेए इसकी कोशिश जारी है। वह जिलाधिकारी सविन बंसल की विशेष तौर पर आभार प्रकट करती हैं कि उन्होंने घर परिवार की आर्थिक गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए अवसर दिया।

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