बिलासपुर न्यूज : क्लींकर ढुलान की कमी को लेकर बीडीटीएस करेगी सीएम से मुलाकात

सुमन डोगरा, बिलासपुर। एसीसी के सीमेंट क्लींकर की ढुलान कार्य में कमी आने से गाड़ियों को चलाने के लिए आर्थिक संकट से उभारने के लिए शीघ्र ही सीएम से डेपुटेशन मिलेगा।

यह निर्णय आज हुई एक बैठक में लिया गया। बीडीटीएस के प्रधान जीतराम गौतम ने कहा कि बरमाना की सीमेंट नगरी में इन दिनों सीमेंट क्लिंकर ढुलाई में कमी आने के चलते अब ट्रक आपरेटरों को आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ढुलान कार्य हिमाचल प्रदेश एक्स सर्विसमैन काॅर्पोरेशन को अन्य सीमेंट कारखानों दाड़लाघाट अंबुजा, बागा में जिस अनुपात में ढुलान कार्य दिया गया है तथा अन्य प्लांट जैसे नालागढ़ व पंजैहरा आदि में भी दिया जाए ताकि यहां के आपरेटरों को राहत मिल सके।

उन्होंने कहा कि यहां के ट्रांस्पोटर्स को केवल बिलासपुर में ही कार्य है जबकि हिमाचल प्रदेश एक्स सर्विसमैन काॅर्पोरेशन के आपरेटरों अपने-अपने जिला में ही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे आने से भी ट्रांसपोटरों का कारोबार छिन जाएगा। बरमाणा के लोग पिछले 38 सालों से विस्थापन का दंश बार-बार झेलते आ रहें हैं।

आने वाले समय की परिस्थितियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि जब बरमाणा में रेलवे यार्ड बन जाएगा तो एसीसी की गगल इकाई से जुड़े 4000 ट्रकों के पहिए घूमने बंद हो जाएंगे। इससे रेलवे मालामाल और ट्रांसपोटर हाल के बेहाल होंगे क्योंकि बरमाणा सीमेंट फेक्ट्री से होने वाला सीमेंट ढुलाई व कच्चे माल का कार्य अब रेलवे की मालगाड़ी से होगा।

जल्द ही ट्रांसपोर्टरों की जेब पर डाका पड़ने वाला है। अब इससे ट्रांसपोर्टरों के हकों पर कुठाराघात होना निश्चित है। ट्रांसपोटर जगत से जुड़े लोगों का रोजगार खत्म होने की कगार पर है, वैसे ही एसीसी गगल सीमेंट इकाई से सीमेंट की ढुलाई कर रहे ट्रांसपोर्टरों को पिछले दो तीन वर्षों से सही सीमेंट ढुलाई का कार्य नहीं मिल रहा है।

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इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान रहा है और ट्रकों की लोन की किस्तें तथा परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो रहा है। पहले एसीसी द्वारा 15000 मीट्रिक टन सीमेंट व क्लिंकर जिसमें 13000 मीट्रिक टन सीमेंट व दो हजार मीट्रिक टन क्लिंकर की डिमांड थी। उसके बाद यह घट कर 8 हजार मैट्रिक टन सीमेंट व 2 हजार मीट्रिक टन क्लिंकर पर रही। यदि रेलवे यार्ड बन गया तो सीमेंट व कच्चे माल की ढुलाई डिमांड की सुई की रफ्तार धीमी हो जाएगी।

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इसमें लंबी दूरी की सारी डिमांड बंद और हिमाचल की लोकल डिमांड ही सीमित रह जाएगी। इससे ऑपरेटरों को भारी आर्थिक नुकसान होगा और रोजगार भी खत्म हो जाएगा। ट्रकों की लोन की किश्तें तथा परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो जाएगा। प्रधान ने कहा कि इस संवेदनीशील मामले को लेकर शीघ्र मुख्यमंत्री हिमाचल सरकार और अन्य राजनीतिक दलों केे मुखियाओं से मुलाकात की जाएगी।

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